हिन्दू धर्म कितना पुराना है | Sanatan Dharm Kitna Purana Hai

3/5 - (2 votes)

hindu dharm kitna purana hai, Sanatan Dharm Kitna Purana Hai, hindu sanatan dharm kitna purana hai, google sanatan dharm kitna purana hai, sanatan dharm kitna purana hai google, sanatan dharm kitna purana hai in hindi-

क्या आप हिन्दु धर्म व Sanatan Dharm के बारें में पूरी जानकारी जानना चाहते है? या फिर यह जानना चाहते है कि आखिर ये Sanatan Dharm आया कहा से है? यदि हाँ, तो आप बिलकुल सही जगह पर आए है। क्योंकि आज के इस लेख में हम आपको hindu dharm kitna purana hai बताएगें और साथ ही साथ sanatan dharm in hindi, Sanatan Dharm को किसने स्थापित किया, Sanatan Dharm की उत्पत्ति कब हुई, Sanatan Dharm के देवती देवता व आदि चीज़ें बताएगें।

सनातन धर्म कितना पुराना है | Sanatan Dharm Kitna Purana Hai?

आज के समय में Sanatan Dharm बहुत ही ज़्यादा प्रसिद्ध धर्म है। खासकर की भारत में सनातन धर्म बहुत ही ज़्यादा प्रसिद्ध है। और इसी धर्म को सबसे ज़्यादा मान्यता भी प्राप्त है। क्योंकि इस धर्म के बहुत सारे लोग मौजूद है। केवल भारत ही में नहीं बल्कि हर देश में इस धर्म के लोग मौजूद है।

Sanatan Dharm को हिन्दू धर्म भी कहा जाता है। इस धर्म, को भारत के अधिकांश लोगों के द्वारा माना जाता है और इसका पालन किया जाता है। इस धर्म को लगभग 5000 से 7000 वर्ष पुराना माना जाता है। सनातन धर्म की उत्पत्ति व विकास बहुत पुराने समय में ही हो गया था। इस धर्म में भगवान शिव, विष्णु, व देवी-देवताओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

हिन्दू धर्म में सबसे पहले स्वयंभुव मनु का जन्म 9057 ईसा पूर्व में हुआ था। और साथ ही साथ वैवस्वत मनु का जन्म 6673 ईसा पूर्व में, भगवान श्री राम का जन्म 5114 ईसा पूर्व में व भगवान श्रीकृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व में हुआ था।

sanatan dharm kya hai

सनातन धर्म को आमतौर पर हिंदू धर्म के नाम से जाना जाता है। और साथ ही साथ सनातन धर्म को एक प्राचीन और अमर धर्म के नाम से भी जाना जाता है। यह धर्म भारतीय सभ्यता, ज्ञान, और आदर्शों के आधार पर स्थापित है। इस धर्म को “सनातन” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे श्रद्धा और आदर्शों का एक अविरामी चक्र माना जाता है।

सनातन धर्म को मानने वाले व पालन करने वाले लोगों को हिंदू कहा जाता है। और इसमें भगवान ब्रह्मा, विष्णु और शिव जैसे भगवानो की पूजा की जाती है। सनातन धर्म में बहुत सारे पुराण, वेद, उपनिषद और अन्य प्रमुख प्रमाणिक ग्रंथ होते है। जो कि एक हिन्दु के लिए बहुत ही ज़्यादा महत्वपूर्ण होते है।

Sanatan Dharm को किसने स्थापित किया?

सनातन धर्म को किसी इन्सान के द्वारा स्थापित नहीं किया गया था। यह वेदों और उनके अनुयायों द्वारा फैलने लगा। इस धर्म की उत्पत्ति बहुत ही ज़्यादा पुरानी है। और साथ ही साथ इसे प्राचीन आर्य संस्कृति का हिस्सा भी माना जाता है। इस धर्म के बारें में ब्राह्मणों और ऋषियों द्वारा बनाए गए धर्मशास्त्रों और वेदों में भी बताया गया है।

वेद को सनातन धर्म की प्रमुख पुस्तकें माना जाता हैं। वेदों में मन्त्र, श्लोक, अनुष्ठान और उपासना के नियमों को बताया गया है। इसमे चार मुख्य वेद हैं। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद। इन सभी वेदों में तरह-तरह की उपासना, विधियों और ज्ञान का वर्णन किया गया है।

Sanatan Dharm की उत्पत्ति कब हुई

Sanatan Dharm की उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित तारीख कहीं पर भी देखने को नहीं मिलती है। क्योंकि यह एक बहुत ही पुराना धर्म है। ऐसा कहा जाता है कि सभी मुख्य धर्मो से पहले स्नातन धर्म आया था। जैसे जैसे समय बीत ता गया, वैसे वैसे ही यह धर्म विकासित होने लगा। और साथ ही साथ बहुत सारे लोग इस धर्म से जुड़ने लगे है।

सनातन धर्म को आर्य संस्कृति का हिस्सा माना जाता है और इसे वेदों और ब्राह्मणों द्वारा प्राचीन काल से प्रचलित किया गया है। वेदों की अवधि लगभग 1500 ईसा पूर्व से शुरू होती है, लेकिन सनातन धर्म के तत्व और सिद्धांतों का विकास पहले से ही हुआ हैं। इसलिए, सनातन धर्म की उत्पत्ति की निश्चित तारीख का पता करना मुश्किल है।

Sanatan Dharm के देवती देवता

Sanatan Dharm में बहुत सारे देवती देवता है। जिनकी पूजा हिन्दू द्वारा की जाती है। जैसे कि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, दुर्गा, काली, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, सूर्य, गणेश, हनुमान, कृष्ण, राम, सीता और राधा।

ये Sanatan Dharm के केवल कुछ प्रमुख देवी-देवताएं हैं। इसके अलावा भी Sanatan Dharm में बहुत सारे देवी-देवताएं पूजा जाते हैं। हर भगवान को स्वयं की संस्कृति, परंपरा और स्थानीय श्रद्धा के आधार पर तरह-तरह के भारतीय राज्यों और क्षेत्रों में अलग-अलग तरीको से पूजा जाता है।

Sanatan Dharm के नियम क्या है

नीचे आपको Sanatan Dharm के कुछ नियम दिए गए हैं।

  • इस धर्म को आचरण, नैतिकता, शुद्धता और संतुलन के माध्यम से अपनाया जाता है।
  • यह धर्म इसके पालन करने वालो को धार्मिक और नैतिक कर्तव्यों का पालन करने को कहता है। और साथ ही साथ यज्ञ, पूजा, दान, तपस्या और सेवा के माध्यम से कर्म करने को कहता है।
  • यह धर्म सत्य, अहिंसा, दया, संतोष, समता और प्रेम के मार्ग पर चलना सिखाता है।
  • इस धर्म को अपनाने से मन, शरीर और आत्मा की सच्ची शांति व आनंद की प्राप्ति होती है।
  • इस धर्म में संस्कारों पर बहुत ही ज़्यादा ज़ोर दिया जाता है। जिसमें जन्म, उपनयन, विवाह, अंतिम संस्कार आदि शामिल होते हैं।

Sanatan Dharm और Hindu Dharm में अन्तर क्या है

  • अर्थ- “सनातन धर्म” शब्द का इस्तेमाल शास्त्रों और पुराणों में किया जाता है। और साथ ही साथ ये आदर्शता के भाव को भी दर्शाता है। हिंदू धर्म का समबन्ध दिनचर्या, परंपरा और अनुष्ठानों के साथ होता है।
  • इस्तेमाल- “सनातन धर्म” शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर संविधानिक और शास्त्रिय पाठशालाओं में किया जाता है।
  • “हिंदू धर्म” शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर लोकप्रिय होता है। और इसे लोग अपने दैनिक जीवन, पूजा, उत्सव, संस्कार और रीति-रिवाजों से जोड़ते रहते हैं।
  • संप्रदाय- सनातन धर्म एक आध्यात्मिक परंपरा है जो तरह-तरह के संप्रदायों को सम्मिलित करती है, जैसे शैव, वैष्णव, शाक्त, सौर, गाणपत्य, कृष्ण, आदि। हिंदू धर्म में, यह संप्रदायों और समुदायों के बाहरी तत्वों के साथ जुड़ा होता है, जैसे मंदिर, पुजारी, आदि।
  • परंपरा- सनातन धर्म परंपरागत के तौर पर आदार्शों, मान्यताओं, शास्त्रों और पुराणों पर आधारित है। हिंदू धर्म में परंपराएं और रस्मों को ज़्यादातर गुरुओं, पुरोहितों और संस्कृति के माध्यम से माना जाता है।

Sanatan Dharm में कितने वेद, शास्त्र और पुराण है

Sanatan Dharm में बहुत सारे वेद, शास्त्र और पुराण हैं। जैसे कि-

Sanatan Dharm के चार प्रमुख वेद हैं।

ऋग्वेद
यजुर्वेद
सामवेद
अथर्ववेद

Sanatan Dharm के कुछ प्रमुख शास्त्र निम्नलिखित हैं।

मनुस्मृति
योगसूत्र
वैदिक ग्रंथों के ब्राह्मण
उपनिषद
धर्मशास्त्र
अर्थशास्त्र

Sanatan Dharm के कुछ प्रमुख पुराण निम्नलिखित हैं।

विष्णु पुराण
शिव पुराण
देवी भागवत पुराण
भागवत पुराण
गरुड़ पुराण
मार्कण्डेय पुराण
ब्रह्म पुराण
वायु पुराण

Sanatan संस्कृति क्या है

Sanatan Dharm की संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है। यह Indian subcontinent में विकसित हुई है और हिंदू धर्म पर आधारित है। Sanatan Dharm की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं।

  • Sanatan Dharm में जीवन-शैली, पूजा-पाठ, योग, कर्मकांड, उपासना और जन-जीवन के तरह-तरह के पहलुओं को समाहित किया जाता है।
  • Sanatan Dharm की संस्कृति में प्रमुख धार्मिक मान्यताएं और तत्त्व मौजूद होते है। जिसमे ब्रह्मा, विष्णु, शिव, देवी, गणेश, सूर्य, पृथ्वी आदि देवताओं की पूजा की जाती है।
  • Sanatan Dharm की संस्कृति में वेद, उपनिषद, महाकाव्य, काव्य, गीत, नाटक, चित्रकला, संगीत, नृत्य, संगणकी, वास्तुकला, सिल्पकला, स्थापत्यकला, शिलापट, प्रतिमा-निर्माण, आदि चीज़े शामिल हैं।
  • Sanatan Dharm की संस्कृति में जीवन-शैली, रीति-रिवाज़, परिवारिक मूल्य, संस्कार और आचार-व्यवहार का भी महत्वपूर्ण स्थान है। जिसमें जन्म-मृत्यु संस्कार, विवाह संस्कार, यज्ञ, पूजा, व्रत, संतान प्राप्ति, धर्मोपदेश, सदाचार व आदि जैसी चीज़े शामिल होती है।

Sanatan Dharm से जुड़े कुछ श्लोक?

श्रूयतां धर्म सर्वस्वं श्रुत्वा चैव अनुवर्त्यताम्।
आत्मनः प्रतिकूलानि, परेषां न समाचरेत् ॥

धर्म का सर्वस्व क्या है, सुनो और सुनकर उस पर चलो ! अपने को जो अच्छा न लगे, वैसा आचरण दूसरे के साथ नही करना चाहिये।

धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः।
तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत् ॥

मरा हुआ धर्म मारने वाले का नाश, और रक्षित धर्म रक्षक की रक्षा करता है। इसलिए धर्म का हनन कभी न करना, इस डर से कि मारा हुआ धर्म कभी हमको न मार डाले।

सुखार्थं सर्वभूतानां मताः सर्वाः प्रवृत्तयः ।
सुखं नास्ति विना धर्मं तस्मात् धर्मपरो भव ॥

सब प्राणियों की प्रवृत्ति सुख के लिए होती है, (और) बिना धर्म के सुख मिलता नही । इस लिए, तू धर्मपरायण बन ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल- (FAQ)

Q. सनातन धर्म कितने साल पुराना है?

सनातन धर्म को हिंदू धर्म के नाम से भी जाना जाता है। यह धर्म वेद पर आधारित होता है। और इसे दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म माना जाता है। यह धर्म लगभग 12000 वर्ष पुराना है जबकि कुछ अन्य तथ्यों के मुताबिक यह धर्म लगभग 90 हज़ार वर्ष पुराना है।

Q. पृथ्वी पर सबसे पुराना धर्म कौन सा है?

पृथ्वी पर सबसे पुराना धर्म हिन्दू धर्म है। जिसके रहने वाले लोग ज़्यादातर भारत, नेपाल और मॉरिशस में रहते हैं। हिन्दू धर्म को विश्व का प्राचीनतम धर्म माना जाता है। स्नातन धर्म के साथ साथ इसे ‘वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म’ भी कहा जाता है। जिसका मतलब होता है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से हो गई थी।

Q. हिंदू धर्म से पहले कौन सा धर्म था?

हिंदू धर्म से पहले अविस्तक धर्म की स्थापना थी। इसके बाद 2000 ई. पू. में यहूदी धर्म आया, फिर 500 ई. पू. में बौद्ध धर्म और जैन धर्म आए, इसके बाद 2000 वर्ष पूर्व ईसाई धर्म आया और आखिरी में 1400 वर्ष पूर्व इस्लाम धर्म आया।

Q. कौन सा धर्म पुराना है हिन्दू या इस्लाम?

हिंदू धर्म को दुनिया का सबसे पुराना धर्म माना जाता है।

Q. सनातन धर्म किसने लिखा था?

सनातन धर्म की रचना श्री धर्म प्रचारक आचार्य के द्वारा हुई थी।

यह भी पढ़े?

मुस्लिम धर्म कितना पुराना है | Islam Dharm Kitna Purana Hai?
GST Ka Full Form: क्या होता है | GST कितने प्रकार के होते है
Global Warming क्या है कारण, समाधान Global Warming In Hindi?
Web Browser क्या है ब्राउज़र के प्रकार- Web Browser In Hindi?

निष्कर्ष

तो दोस्तों आज के इस लेख में आप सभी ने Sanatan Dharm Kitna Purana Hai जाना। और साथ ही साथ साथ Sanatan Dharm kya hai, Sanatan Dharm को किसने स्थापित किया, Sanatan Dharm की उत्पत्ति कब हुई, Sanatan Dharm के देवती देवता व आदि चीज़ें जानी।

आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा और साथ ही साथ sanatan dharm kitne saal purana hai इसके बारे में आपको बहुत कुछ जानने को मिला होगा।

Leave a Comment